India General Elections 2024: भारत में इस समय लोकसभा का चुनाव (Loksabha Election 2024) हो रहा है। इसे लोकतंत्र का महापर्व भी कहा जाता है क्योंकि यही वो समय होता है जब भारत की जनता के पास अधिकार रहता है कि वो किसे सत्ता की कुर्सी पर बिठाएगी और किसे गद्दी से हटाएगी। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने क्षेत्रों में आम जनता के बीच वोट की गुहार लगाते दिख ही जाएंगे। India General Elections 2024 का पहला चरण जो है, वो समाप्त हो चुका है दूसरा चरण चल रहा है। इस बार का आम चुनाव चुनाव कुल 7 चरणों में होगा और 4 जून को नतीजा मिलेगा।
अब जब भारत में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है, तो ऐसे में अब हमने ये सोचा है कि आपको लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) से जुड़ी कुछ चीजों की जानकारी दिए देते हैं। ये जानकारी हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है और खासकर उनके लिए जिन्हें नहीं मालूम की भारत में लोकसभा चुनाव (India General Elections 2024 ) की प्रक्रिया क्या है? इन सारी चीजों पर आज हम चर्चा करेंगे, चर्चा थोड़ा विस्तार में हो सकता है लेकिन जानकारी आपको बिल्कुल आसान शब्दों में मिलेगी।
India general elections 2024: क्या है लोकसभा का चुनाव?
देखिये लोकसभा चुनाव को अगर हम आसान शब्दों में हम बयां करें, तो इसका सीधा अर्थ ये है कि चुनाव में 2 या 3 पार्टियों के प्रत्याशी खड़े होते हैं और जनता जिन्हें सबसे ज्यादा वोट करती है, वो जीतकर भारत की संसद में जाता है और अपने क्षेत्र का प्रतिनिधितव करता है। जो समस्या होती है, उसपर विचार विमर्श होता है, ताकि आम जनता तो किसी बात की कोई तकलीफ ना हो, और ऐसा भारत के हर राज्य से चुने गए प्रत्याशी करते हैं।
लोकसभा के चुनाव की शुरुआत भारत में आज़ादी के बाद 1951-52 में हुई थी। ये पहला अवसर था जब भारत के लोगों ने वोट दिया था। कांग्रेस को 364 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल हुई थी और पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद से लेकर अब तक भारत में हर 5 साल पर आम चुनाव होते हैं, जनता जिसे चाहे, उसे जिताकर भारत की संसद में भेजती है। बहुमत जिसकी होती है, सरकार भी उनकी ही बनती है। संसद में एक पक्ष होता है और दूसरा विपक्ष। वर्तमान समय में बीजेपी सत्ता में है जबकि कांग्रेस विपक्ष में है।
कैसे होती हैं आम चुनाव की तैयारियां?
लोकसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी भारत चुनाव आयोग (Election Commission of India) की है। मतदान के सारे इंतजाम भारत चुनाव आयोग के पास हैं। चुनाव से पहले आयोग के अध्यक्ष तारीखों की घोषणा करते हैं और इसी के साथ देश में आचार सहिंता भी लग जाती है, जिसका मतलब होता है कि कोई भी पार्टियां या उनके प्रत्याशी जनता के बीच जाकर फ्री का लॉलीपॉप नहीं दे सकते हैं।
मतलब ये कि चुनावी पार्टियों को अपने विज्ञापन, भाषण और चुनाव प्रचार करने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश मिलता है। कुलमिलाकर बात ये है कि चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियम है, जिसको पालन करना होता है। अगर कोई इसमें दोषी पाया गया, तो उसपर कार्यवाई होती है। साथ ही ये भी बता दें कि जब तारीखों का ऐलान होता है, तो उसमे नामांकन दाखिल करने की तारीखें, नामांकन की जांच, उम्मीदवारी वापस लेने की तारीखें, मतदान की तारीखें और परिणाम की घोषणा जैसी चीजें शामिल रहती है।